Vaidik Gyan...
Total:$776.99
Checkout

यह गुरु नहीं गुरु घंटाल है |

Share post:

|| यह सब गुरु नहीं, गुरु घंटाल ही हैं ||

पिछले दिन मै लिखा था भारत वासी गुरु घंटाल में विश्वासी, लोगों ने खूब पसंद किया है | अब मेरी ही बात सच में परिवर्तित हो गया है |  पर याद रखना मैंने कोई भविष्य वाणी नहीं की थी. वरण जो देखा और पाया वही लिखा था | अभी मेरा कार्यक्रम उन्नाव जिला के बांगरमऊ आर्य समाज के 42 वा वार्षिकोत्सव में था, बड़े ही धूम धाम से मनाया गया. अनेक सारे युवकों को उस आर्य समाज में मै जोड़ कर आया. जब की इसी बांगरमऊ में मै 17 वर्ष के बाद गया 21 से 25 अक्तूबर 2013 तक पुरे शहर में हल चल थी | यहाँ पहले से ही नेट पर मेरे साथ अनेक नौ जवान जुड़े हैं.मेरा चित्र जगह. जगह होडिंग लगा था भीड़ भी खूब अच्छी होती रही मेरे विचारों को सुनने हेतु ज्यादा लोगों को आने के लिए हमारे साथ जुड़े बच्चों का प्रयास सराहणीय रहा |

 

मै अपने प्रवचन में एकदिन रात्रिकालीन सत्र में यही गुरुवाद पर ही बोला. की गुरु कौन.और गुरु किसको कहा गया ? सही पूछें तो गुरु शब्द गलत नहीं है. और गुरु के बिना ज्ञान मिलना भी संभव नहीं | गुरु का अर्थ है विद्या देनेवाला. कला सिखलाने वाला, अध्यापक .देवतावों का गुरु वृहस्पति.को माना गया. आचार्य.जो जीवन को उन्नत बनाते हुवे आत्मज्ञानी बनाने वाला. अपने सानिध्य वालों को परमात्मा से जोड़ने वाले को गुरु कहा जाता है | किन्तु देखा यह जा रहा है लोग गुरु उसी को कहते हैं. जो कान में कुछ कह दे. और किसी दुसरें से कहने को मना करे. की यह किसीको बताना मत | अब यह क्या बोला. वह पति पत्नी में भी बोलना संभव नहीं. यानि पति अपने पत्नी को नहो बोल सकते. और न हीं पत्नी अपनी पति से कह सकती है |

 

हमारे यह हिन्दू भाई कितने भोले हैं की अपनी पत्नी को छोड़ देते हैं उन्ही गुरु के पास.की जिस गुरुने अपने पति को भी पराया बना दिया | कारण विवाह मंडप में अग्नि को गवाह बनाकर.पति और पत्नी को यही बात बताई गयी की आज से आप एक दूसरे के पूरक हैं जो शिला पर पावं रख कर पत्नी से कहलवा या गया की आपके साथ यह पत्थर जैसा कठोर होकर साथ निभाउंगी.चाहे जितनी भी आपत्ति आप पर आये.मै पत्थर बनकर आप के साथ उन मुसीबतों का सामना.करुँगी यह सब तो विवाह के समय सारा उपदेश, पति पत्नी के रुपमे बांधते हुए पंडित जी ने समझाया था | परन्तु उस गुरु ने किस प्रकार पति पत्नी में फुट डाला देखें, की तन.मन.धन.गुरु को.अर्पण कहलवा लिया, यह सोचने और समझने की बात है मातावओं और बहनों को |

 

की एक शादी शुदा महिला अगर अपने पति को छोड़ किसी दुसरे को. तन.मन.धन. देने की वादा करे तो वह घर बनना है या बिगड़ना क्या यह पति के साथ बिस्वास घात नहीं ?

अब यह गुरु घंटाल किसी के घर बनाने ने बजाये बिगाड़ने ने का काम किया. की अपने घर से उनका मन हटाकर गुरु अपने तरफ आकर्षित किया | जो आज हमारे सामने मौजूद है. हरयाणा का रामपाल.और यह आशाराम.और प्रजापिता ब्रोह्म कुमारी.जो सब को भाई बहन ही बतारहे. यानि पति पत्नी का संपर्क को बिगाड़ ने का काम किया जा रहा है | पति पत्नी के समपर्क में खाई बनाने का काम हो रहा है | तो जो गुरु को मानव समाज मे आत्मिक विकास करने कराने की बात थी घर बसने.बसाने की बात करनी थी वही घर उजाड़ने की तालीम दी जा रही है. और यह अकल के अंधे और गांठ के पुरे खुद भी जा रहे और अपने पत्नी को भी भेज रहे. चटनी कैसी खाई लाल या हरी बताने के लिए | फिर उसे ही लोग निर्मल कह रहे.जो मलसे भरा हुवा है देख कर हजारों खर्च कर भी उसी गुरु घंटाल में फसने को आतुर हैं | पर मकसद क्या है की किसी तरीके से धन मिलना चाहिए. वह भी बिना मेहनत के गुरु के आशीर्वाद से | यह हिन्दू उसी मुफ्त खोरी में अपने गुरु और देवी देवता से लेकर उस मजार तक जा पोहुचता है जहाँ इस हिन्दू के पिता का कातिल ही सोया पड़ा है.उसी से मांगने यही हिन्दू जाता है मजारों में | अब विचार शील मानव यह बताएं की इस हिन्दू को कौन बचाएगा |

आप लोगों ने यह भी देखा होगा की यही हिन्दू कहलाने वाला राम के वंशज कहलाने वाला इस्लामी टोपी लगाकर दोनों हाथ उपर करके ऊपर वाले से दुवा मांग रहे. किसलिए भाई वह निचे नहीं ऊपर ही हैं | पर अफ़सोस तो इसी बात की है की जब गुरु ने कहदिया की मेरे पास आओ तन–मन–धन–लेकर आओ सब से छुटकारा दिलवा दूंगा ?

तो फिर यह हाथ ऊपर कर अपने आप ही दुवा मांगना क्या यह धोखा नहीं ? गुरुर.ब्रम्हा.गुरुर विष्णु. गुरुर देवो महेश्वरा तक बोलरहे. गुरुने सिखाया भी यही, फिर खुदको ऊपर हाथ कर वह भी इस्लामी टोपी पहन दुवा मांग रहे यह किसलिए ?

 

जब आप लोगों के गुरु ज़मींन के 15 फुट निचे धन या सोना गढ़ा है बता सकते हैं तो आज यह दशा भारत का किसलिए ? कौन गुरु आपके थे जिसने कभी बताया हो की भारत का आधा.हिस्सा पाकिस्तान बन ने वाला है ?

आज तक किसी गुरुने यह किस लिए नहीं बताया की भारत के राजधानी दिल्ली के लाल किले में आतंकवादी घुस जायेंगे ? किसी गुरु ने यह किस लिए नहीं बताया. की राम मन्दिर तोड़ कर कभी बाबरी मस्जिद बना दी जाएगी ? किसी गुरु ने यह किसलिए नहीं बताया की कृष्ण के जन्मस्थली के आधे में मस्जिद बन जाएगी ? किसी गुरु ने यह भविष्य वाणी किसलिए नहीं किया की.काशी विश्वनाथ मन्दिर के आधे में ज्ञान बापी मस्जित बनेगी ?

 

किसी गुरु ने यह किस लिए नहीं बताया की बांग्लादेश के ढाका रमना कालि मंदिर को कभी तोड़ दिया जायेगा ? किसी गुरु ने यह किसलिए नहीं बताया की.जम्बुत्वी रेलवे स्टेशन पर गोली चलेगी ? या जम्मू बिधान सभा में गोली वारी होगी.बम वास्ट किया जायेगा. रघु नाथ मन्दिर को ध्वस्त कर दिए जायेंगे ? किसी गुरु ने यह किसलिए नहीं बताया गोधरा में ट्रेन बन्द कर RSS के कार्य कर्ता को जला कर मारा जायेगा ? अथवा किसी गुरु ने यह किस लिए नहीं कहा की संसद में गोली कांड होने वाला है | जिस गाड़ी में आतंकी आयेंगे गाड़ी भारत की होगी.वर्दी और अई काड भी भारत का ही होगा ? और यह किसलिए नहीं बताया गुरु ने की भारत का एक प्लेन को काठ मांडू से उड़ाकर लखनऊ.अमृतसर. जब रुकेगी तो भारतीय वायुसेना से टाएर पंचर तक नहीं हो सकेगा ? और भारत का विदेश मन्त्री मौलाना मसूद अजहर को उसके घर तक छोड़ आयेंगे ? जिसने उसी जहाज को अपहरण करने की योजना बनाई थी ?

 

ज़ब कोई गुरु इन सब बातों का भविष्यवाणी नहीं कर सकते तो कही सोना गढ़ा,या धन गढ़ा है की भविष्यवाणी कैसे कर सकते हैं ? अब सवाल होगा की इनके बात पर जिसने विश्वास किया और सरकारी धन खर्च किया उन्हें जेल और जुरमाना दोनों होनी चाहिए | कारण जो धन उस खुदाई में खर्च हुवा वह सरकारी खर्च नहीं होनी चाहिए | कारण भारत के जनता का पैसा बर्बाद हो और हम उसे देखते रहे सहन करते रहे यह अन्याय है, भारत वासिवों को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए | की उसमे जो खर्च हुवा जिसने उस गुरु घंटाल पर विश्वास किया वही भरें इस खर्च को | भारत की  जनता पर इसका भोझ नहीं पड़ना चाहिए. कारण अंध विश्वास के शिकार भारत वासी नहीं बल्कि जिसने या जिन्होंने उस मुर्ख जाहिल अनपढ़ गुरु पर बिश्वास किया इस की भर पाई उन्हें करनी चाहिए |

बोहुत पहले भी इसी प्रकार की घटना घटी थी mr रोबट उर्फ़ राजीव गाँधी को एक बार देवराहा बाबा ने चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की थी ,और ठीक उल्टा हो गया था उनकी हार हुई उसी बार प्रधान मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह बने थे | जब यह भविष्य वाणी पहले ही फेल हुई तो फिर से उस पर बिश्वास कर पैसों की बरबादी किस लिए की गयी |

 

अगर मान लिया जाये की. यही शोभन सर्कार अगर स्वपन देखते है,की मै प्रधान मंत्री बनगया तो क्या हमारे प्रधान मंत्री अपनी कुर्सी उन्हें छोड़ देते ? या अगर वह स्वप्न देखते की मै कांग्रेस का सर्वे सर्वा बन गया हूँ तो क्या सोनिया जी अपने बेटे राहुल के साथ दोनों कुरसी खाली करदेती ?

 

न मालूम यही लोग अपने को पढ़े लिखे बताते हैं अगर उनका यही हाल है तो बे पढों की दशा क्या होगी ? मै फिर पूछता हूँ उन स्वपन देखने वाले गुरु से की जब आप लोग इतने दूरदर्शी हैं तो इतने वर्षों से हम भारत वासी जो पाकिस्तानी आतंक वादिवों का शिकार बनते आरहे हैं. तो आप लोग उनके लिए यह भविष्य वाणी किसलिए नहीं दे पाते. की अब आतंकवादी भारत के अमुक स्थान पर हमला करने जा रहे हैं ? और यह सरकार के मन्त्री गण भी इस मिथ्याचार का बढ़ावा दूरदर्शन में बैठ कर देते भी इन्हें लज्जा नहीं आती न मालूम यह कैसे लोग हैं?

 

पिछले दिन हरियाणा के मंत्रीगण गुरमीत राम रहीम सिंह के सामने दंडवत करते देखा गया, वही इनके गुरु आज जेल में कैद हैं, वह भी किस लिए दुनिया जानती है हनीप्रीत कौन है ? यह सब आँखों देखा हाल देखकर भी हिन्दुओं जागने तो तैयार नहीं |  महेन्द्रपाल आर्य,27 \11 /20

 

Top