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BP सिंह प्रधान मंत्री ने 4 महीने का समय लिया था |

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BP सिंह प्रधानमंत्री ने 4 महीने का समय लिया था |
भारत बाहरी शत्रु व् आतंकवादियों से परेशान नहीं है जितना की देश के घोटालेबाजों से,यह घोटालेबाज तो आस्तिनके ही सांप हैं देशको तबाह कर रहे हैं।
 
आज ज़रूरत है देश को इन अराजक त्तव्यों के हाथ से बचाना । यह काला बाजारी करने वालों ने देश के गरीबों को लूटा है वरना इनके पास यह जमा नोट और सोना चाँदी कहाँ से आया ?
 
यही तो काला धन है जो इन काला बाज़ारियों से निकल रहा है रही धन विदेशों की, अरे भाई अपने घर का तो संभाल लो कहाँ कहाँ किनके पास क्या क्या जमा है, वह तो बाद में देखेंगे | आगे बाहर का भी देखा जायेगा,किनका किनका है, पहले अपने घरमें तो झाड़ू लगा लो ।
 
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री और कोयला विभाग अपने पास रख कर पूरी फ़ाइल् ही गायब करा दी थी न मालूम अबतक मिला हैं या नहीं ?
 
भारत के प्रधानमंत्री जी ने जिसदिन अपने हाथ में झाड़ू लिया था उसी दिन ही समझ जाना चाहिए था इन काले धन जमा करने वालों को , की जब झाड़ू हाथ में लिया है मोदी जी ने, तो मात्र दिखाने के लिए नहीं सफाई करने के लिए ही झाड़ू उठाया है हाथ में।
 
कारण मोदी जी नुमाईश लगाने वाले नहीं हैं काम करने वाले हैं और करके दिखा रहे हैं ।
 
हमारे भारत वासियों ने कभी सोचा था, 370,और 35 A कशमीर से कभी हट सकता है ?जिसे जवाहर लाल नेहरु ने बोयाथा उसे चुटकी में कोई हटा देगा ?
 
जिसके वलपे पत्थर बाजी हो रही थी अलगाववादी नेता गण मज़े लूट रहे थे जनता को मुर्ख बनाकर |यह खत्म हो सकता है किसी ने सोचा भी था क्या ?
 
क्या भारत के हिन्दू कभी यह सोचा था की राममन्दिर अयोध्या में कभी बन सकता है ? B,P सिंह, प्रधान मंत्री बनते कहा था हमें 4 महिने का समय चाहिए राम मन्दिर का निर्माण करा देंगे,मर गये पर मन्दिर नहीं बना पाए |
हमारे देश के लोग काम पर विश्वास नही करते दिखावा करने वालों पर भरोसा करते हैं । वरना यह देश एक परिवारवाद पर यकीन और भरोसा किसलिए करते भला ?
जिस परिवारवाद ने देश को तबाह किया देश को आगे बढ़ने नहीं दिया गरीबों का खून चूस कर अरबों के मालिक बन बैठे। हमारे लोग कब सोचेंगे ? इस विज्ञान के युगमें भी लोगों में सोचने की मानसिकता नही बनी।
 
जिस युग में लोग चाँद पर पहुंच चुके हों,इस युग में भी भारत के लोग एक परिवार के हाथ से भारत को मुक्ति नही दिला सके । आज भी परिवार वाद हावी है कहीं किसी का बेटा मुख्यमंत्री है फिरभी तसल्ली नही, बहू को नाती पोते भाई और भतीजे को भी लगा दिया, वह भी समाजवादी बता कर |
 
हमारे देशके लोग अभी भी इन परिवार वाद से अथवा इनके चंगुल ने बाहर नहीं निकल सके, उसी परिवार वाद में जकड़े पड़े हैं। फिर हमारी दिमागी विकास कहाँ हो सकी कहाँ कर पाये ?
 
चारा खाकर जेल जाने वाले बाहर निकलकर कई नेताओं को अपने पार्टी से निकाला अभी बिहार में चुनाव हैं अभी से उसकी तैयारी चलरही है, यहाँ भी परिवार वाद काअच्छा बोलबाला है लोग अपना हित अहित को भी नहीं समझते | लालू जी के शासन काल में सम्पूर्ण बिहार के सड़क पर मिटटी का कोई कण भी नहीं था |
 
हमें अब जानने सोचने और समझने की बारी है जो अब तक दिमागी गुलामी करते कराते आये हैं आज उस दिमागी गुलामी से बाहर निकलना होगा तभी इस राष्ट्र को फिर से सोनेकी चिड़िया बना पाएंगे। आज ही भारत के लोग प्रतिज्ञा करें की अबकी बार इन परिवार वाद को एक भी वोट ना देंगे ।
धन्यवाद के साथ महेन्द्रपाल आर्य =17 /8 /20

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