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श्री नगर में BSF कैंप में हमला किनका ?
Mahender Pal Arya
श्रीनगर में BSF कैंप में हमला किनका ?
कोई माने या ना माने,आज 20, 22 वर्षों से पाकिस्तान द्वारा भारत पर जो हमला हो रहा है वह हमला देश के नाम पर नहीं, किन्तु हमला हिन्दुओं पर हो रहा है हिन्दू देश पर हो रहा है | हिन्दू मुस्लिम के नाम पर हो रहा है, इसे इंकार करना सत्य को झुठलाना ही होगा |
हमला करने वाले कौन है इस्लाम के मानने वाले जिन्हें मुसलमान कहते हैं अर्थात भारत पर हमला मुसलमानों द्वारा हो रहा है, हिन्दू देश नेपाल के द्वारा नहीं | यह बात किसी से छुपी नहीं है, सम्पूर्ण विश्व के लोग इसे देख रहे हैं जान रहे हैं समझ भी रहे हैं | की पाकिस्तान नामक इस्लामिक देश जहाँ पर इस्लामी आतंकवादियों का शरण गाह है | अर्थात यह इस्लामी आतंकवादी किसी भी देश में, आतंक या धमाका करे इसी पाकिस्तान में शरण लेते हैं | और पाकिस्तान में हुकूमत चलाने वालों ने बखूबी उन आतंकवादियों को अपने देश में पनाह देते हैं, इस्लाम के मानने वाले होने के कारण |
अफगानिस्तान में तालिवानी शासन चलाने वाले मुल्ला उम्रर,और अरब का रहनेवाला ओसामा बिन लादेन को शरण मिला तो कौनसा देश में मिला ? हाफिज सईद, मौलाना मसूदअजहर, सैयद सलाह उद्दीन यह सब उल्लेखनीय नाम है दाऊद अब्राहिम आदि यह जितने भी हैं इन सब को शरण मिला तो किस देश में मिला ? इस्लामी देश पाकिस्तान में मिला, किस लिए मिला मुसलमान होने के कारण मिला, भारत सरकार का टेक्स चोर डॉ० जाकिर नाईक को शरण मिला तो अरब देश में मिला, किस नाम से शरण मिला तो इस्लाम के नाम से शरण मिला | नवाज़ शरीफ को जब मुशर्रफ ने देश निकाला किया यानि पाकिस्तान से निकाला तो किस देश ने शरण दिया ? अरब देश ने इस्लाम के नाते शरण दिया | भारत में देवी देवता का अश्लील चित्र बनाने के लिए भारत से मकबूलफ़िदा हुसैन को जब भारत छोड़ने को कहा तो किस देश में शरण लिया ? अरब देश में शरण लिया इस्लाम के मानने वाले होने के नाते ही शरण मिला, जब की इस्लाम में चित्रकारी करना हरम है |
हमारे इसी भारत में इतने देश भक्त बनते रहे पटौदी नवाब मंसूर अली खान, अपना धन मुसाफिर खाना बनाने के लिए लगाया तो कहाँ लगाया अरब देश में मुसलमान होने से लगाया | यह सब आँखों देखा हाल है अभी अभी की सब घटनाएँ हैं | मैं ज्यादा पीछे जाना नहीं चाहता यह सभी घटनाये मेरे सामने की है |
इस्लामिक शिक्षा है जो इस्लाम को नहीं मानता उन्हें इस्लाम की दावत दी जाय, अगर वह इस्लाम को नहीं मानता फिर उसे मौत के घाट उतार दिया जाय | इस्लामिक शिक्षा यही है कुरान हदीस भरे पड़े हैं | भारत में जितने भी मुस्लमान रहते हैं किसी भी मौलाना मुफ़्ती काजी हाजी गाजी ने किसी भी इस्लामी आतंवादी को आतंकवादी कहा हो तो बताना ? इस्लाम के नज़र में वह आतंकवादी नहीं है वह मुजाहेदीन है | अर्थात जो इसलाम के लिए लड़े जिहाद करे वह सब मुजाहेदीन कह्लाते हैं |
وَقَاتِلُوهُمْ حَتَّىٰ لَا تَكُونَ فِتْنَةٌ وَيَكُونَ الدِّينُ لِلَّهِ ۖ فَإِنِ انتَهَوْا فَلَا عُدْوَانَ إِلَّا عَلَى الظَّالِمِينَ
और उन से लड़े जाओ यहाँ तक कि फ़साद बाक़ी न रहे और सिर्फ ख़ुदा ही का दीन रह जाए फिर अगर वह लोग बाज़ रहे तो उन पर ज्यादती न करो क्योंकि ज़ालिमों के सिवा किसी पर ज्यादती (अच्छी) नहीं | यह आयात है सूरा बकर =आयत 193
وَقَاتِلُوهُمْ حَتَّىٰ لَا تَكُونَ فِتْنَةٌ وَيَكُونَ الدِّينُ كُلُّهُ لِلَّهِ ۚ فَإِنِ انتَهَوْا فَإِنَّ اللَّهَ بِمَا يَعْمَلُونَ بَصِيرٌ
मुसलमानों काफ़िरों से लड़े जाओ यहाँ तक कि कोई फसाद (बाक़ी) न रहे और (बिल्कुल सारी ख़ुदाई में) ख़ुदा की दीन ही दीन हो जाए फिर अगर ये लोग (फ़साद से) न बाज़ आएं तो ख़ुदा उनकी कारवाइयों को ख़ूब देखता है | यह है सूरा अनफल =आयत 39
فَاسْتَجَابَ لَهُمْ رَبُّهُمْ أَنِّي لَا أُضِيعُ عَمَلَ عَامِلٍ مِّنكُم مِّن ذَكَرٍ أَوْ أُنثَىٰ ۖ بَعْضُكُم مِّن بَعْضٍ ۖ فَالَّذِينَ هَاجَرُوا وَأُخْرِجُوا مِن دِيَارِهِمْ وَأُوذُوا فِي سَبِيلِي وَقَاتَلُوا وَقُتِلُوا لَأُكَفِّرَنَّ عَنْهُمْ سَيِّئَاتِهِمْ وَلَأُدْخِلَنَّهُمْ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ ثَوَابًا مِّنْ عِندِ اللَّهِ ۗ وَاللَّهُ عِندَهُ حُسْنُ الثَّوَابِ
तो उनके परवरदिगार ने दुआ कुबूल कर ली और (फ़रमाया) कि हम तुममें से किसी काम करने वाले के काम को अकारत नहीं करते मर्द हो या औरत (उस में कुछ किसी की खुसूसियत नहीं क्योंकि) तुम एक दूसरे (की जिन्स) से हो जो लोग (हमारे लिए वतन आवारा हुए) और शहर बदर किए गए और उन्होंने हमारी राह में अज़ीयतें उठायीं और (कुफ्फ़र से) जंग की और शहीद हुए मैं उनकी बुराईयों से ज़रूर दरगुज़र करूंगा और उन्हें बेहिश्त के उन बाग़ों में ले जाऊॅगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं ख़ुदा के यहॉ ये उनके किये का बदला है और ख़ुदा (ऐसा ही है कि उस) के यहॉ तो अच्छा ही बदला है | यह है सूरा अल इमरान =आयत 195 |
मैंने यहाँ कुरान से प्रमाण दिया है जहाँ कुरानी अल्लाह ने सुसल्मानों को साफ साफ कहा है काफिरों को जहाँ पाव कतल करो जब तक इस्लाम चारों तरफ ना फ़ैल जाये | कुछ अकल के दुसमन हैं जो जिहाद का अर्थ जानते नहीं और बकवास करते रहते हैं अभी 4 दिन पहले एक पुलिस की वर्दी में वीडियो youtube से ले कर मैंने अपने पेज में भी डाला था |
إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَالَّذِينَ هَاجَرُوا وَجَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ أُولَٰئِكَ يَرْجُونَ رَحْمَتَ اللَّهِ ۚ وَاللَّهُ غَفُورٌ رَّحِيمٌ [٢:٢١٨]
बेशक जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और ख़ुदा की राह में हिजरत की और जिहाद किया यही लोग रहमते ख़ुदा के उम्मीदवार हैं और ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है | सूरा बकर =218
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا كُتِبَ عَلَيْكُمُ الْقِصَاصُ فِي الْقَتْلَى ۖ الْحُرُّ بِالْحُرِّ وَالْعَبْدُ بِالْعَبْدِ وَالْأُنثَىٰ بِالْأُنثَىٰ ۚ فَمَنْ عُفِيَ لَهُ مِنْ أَخِيهِ شَيْءٌ فَاتِّبَاعٌ بِالْمَعْرُوفِ وَأَدَاءٌ إِلَيْهِ بِإِحْسَانٍ ۗ ذَٰلِكَ تَخْفِيفٌ مِّن رَّبِّكُمْ وَرَحْمَةٌ ۗ فَمَنِ اعْتَدَىٰ بَعْدَ ذَٰلِكَ فَلَهُ عَذَابٌ أَلِيمٌ [٢:١٧٨]
ऐ मोमिनों जो लोग (नाहक़) मार डाले जाएँ उनके बदले में तुम को जान के बदले जान लेने का हुक्म दिया जाता है आज़ाद के बदले आज़ाद और ग़ुलाम के बदले ग़ुलाम और औरत के बदले औरत पस जिस (क़ातिल) को उसके ईमानी भाई तालिबे केसास की तरफ से कुछ माफ़ कर दिया जाये तो उसे भी उसके क़दम ब क़दम नेकी करना और ख़ुश मआमलती से (ख़ून बहा) अदा कर देना चाहिए ये तुम्हारे परवरदिगार की तरफ आसानी और मेहरबानी है फिर उसके बाद जो ज्यादती करे तो उस के लिए दर्दनाक अज़ाब है | सूरा बकर =178 यह सब वही आयत है जहाँ गैर मुस्लिमों को कत्ल करो |
وَلَا تَقُولُوا لِمَن يُقْتَلُ فِي سَبِيلِ اللَّهِ أَمْوَاتٌ ۚ بَلْ أَحْيَاءٌ وَلَٰكِن لَّا تَشْعُرُونَ [٢:١٥٤]
और जो लोग ख़ुदा की राह में मारे गए उन्हें कभी मुर्दा न कहना बल्कि वह लोग ज़िन्दा हैं मगर तुम उनकी ज़िन्दगी की हक़ीकत का कुछ भी शऊर नहीं रखते | सूरा बकर =154 इन्हें मरा नहीं |
यहाँ उपर वाली आयात में ध्यान से देखें कुफ्फारों से जंग की बातें है, काफ़िर का बहुवचन है यह उनसे जंग {लड़ाई } करो अब पढे लिखे लोग शब्द कोष को देख कर बताएं जंग का तात्पर्य क्या है ? जंग किसे कहते हैं यह सभी जंग इस्लाम के नाम से करने का हुक्म है इसके बाद भी कोई कहे जिहाद का अर्थ लड़ाई नहीं है ऐसे व्यक्ति को किसी पागल खाने में भेजना चाहिए |
दूसरी बात है की आज तक किसी भी मुसलमानों ने अथवा किसी भी मुस्लिम देश वालों ने इन सब को आतंकवादी कहा या माना है क्या ? इतना सब कुछ देख कर सुनकर भी कोई इसे अनदेखी करे या अनसूना करे तो क्या उसकी खामियाजा भुगतना नहीं पड़ेगा ? भुगते गा भी कौन इन्ही सवालों को मैं छोड़ रहा हूँ उन लोगों के लिए जो लोग यह कहते हैं जिहाद का अर्थ लड़ाई नहीं है जद्दोजहद करना | वह लोग मेरे इन सवालों का जवाब दें की सही क्या है और किनका कहना सही है ? महेन्द्रपाल आर्य =3 /10 /17 =