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हामिद अंसारी राष्ट्र परस्त नहीं मुस्लिम परस्त है |

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हामिद अन्सारी राष्ट परस्त नहीं मुस्लिम परस्त?

नाजाने हामिद अन्सारी जो उ0 प्र0 गाजी पुर का रहने वाला है कोलकाता बंगाल में रहते रहे इन्हें उप राष्ट्रपति कैसे बनाया गया था जो प्रथम से एक कट्टर मुस्लिमवादी हैं, और इस सत्यता को उन्हों ने उपराष्ट्र पति पद से हटते ही देश वासियों को दिखा भी दिया ओर बता भी दिया |

अगर हामिदअन्सारी साहब को भारत जैसे देश में मुसलमानों के लिए खतरा दिखाई दे रहां है तो इस खतरे वाली देश से अन्सारी साहब अपने मुसलमानों को साथ ले कर, जिस देश में मुस्लमान सुरक्षित हैं उसी देश में चला जाना चाहिए, इस देश में रहने को उन्हें वाध्य किस ने किया ? आश्चर्य की बात यह है की यह व्यक्ति आस्तीन का सांप है, पदच्युत होते ही   भारतीय मुसलमानों को भड़काने लगे | जिस पद में वह बैठे रहे 10 वर्ष तक पदपर रहते हुए एक बार भी उन्हें इस देश में मुसलमानों के लिए खतरा दिखाई नहीं दिया ? उनको जब यह खतरा मुसलमानों के लिए इस देश में दिख रहा है, इसके बाद भी इस खतरे वाली देश में मुसलमानों को ले कर रहना कौन सी अकलमन्दी की बात है ? आमिर खान ने अपने पत्नी के कहने पर यही शब्द बोला था, तो उसी समय अन्सारी आमिर खान से अपना सुरसे सुर किस लिए नहीं मिलाया था ?

इस से यह बात स्पस्ट हो गई की यह व्यक्ति स्वार्थी है पद लोलुपता से औतप्रौत है, एक गरिमा पूर्ण पद पर रहते हुए इन साहेबान ने मुसलमानों का कौन सा भलाई किया ?अथवा कौन सी भलाई की बातें की ? अब पद से हटते ही मुसलमानों के हमदर्द बन गये |

भारत में खतरा सिर्फ उनके लिए नहीं किन्तु भारत में रहने वाले सभी मुसलमानों के लिए खतरा मियां अंसारी को दिखाई दी | यह व्यक्ति दुराग्रह से ग्रसित हैं भारत के मोदी सरकार अथवा बीजेपी सरकार से वह नफरत करते हैं, और मुसलमानों को भी नफरत की दुनिया में ढकेल कर पद से हट रहे हैं |

मैं हामिद अन्सारी और सभी मुस्लिम समाज से पूछता हूँ अगर यहाँ मुस्लमान अपने को असुरक्षित मानते हैं, तो हामिद अन्सारी और जितने भारत के मुस्लमान हैं वह यह बताएं की कौन सा मुस्लिम देश है इस धरती पर जहाँ मुस्लमान अपने को सुरक्षित मानते हैं ?

जब किसी भी देश में मुस्लमान सुरक्षित नहीं है तो इस भारत देश को बदनाम किस लिए किया जा रहा हैं ? हामिद अंसारी जैसे विश्वासघाती व्यक्ति को अविलम्ब भारत छोड़ कर उसी देश में चले जाना चाहिए जिस देश में यह अपनेको सुरक्षित महसूस करें | और मैं यह भी कहूँगा की वह सिर्फ अकेले ना जाएँ सभी मुसलमानों को अपने साथ ले कर जाएँ कारण  यह देश मुसलमानों को सुरक्षा देने में असमर्थ हैं |

हमारे देश में रहने वालों उन मुसलमानों से भी मेरा कहना होगा की मियां हामिद अंसारी साहब से आप लोग भी पूछलें की कौनसे देश में हम लोग सुरक्षित रहेंगे अंसारी साहब आप ही हम लोगों को परामर्श दे कर कृतार्थ करें | आप अकेले मत जाइये हमसब मुसलमानों को ले कर ही चलें जहाँ हम लोग आप के साथ सुरक्षित रह सकें |

क्या हामिद अन्सारी यह कुरान की बात भूल गये जहाँ अल्लाह ने मुसलमानों को गैर मुस्लिमों से दोस्ती तक रखने को मना किया है | और उसी गैर मुस्लिम देश के आप उप राष्ट्र पति कैसे रहें ? यकीन नहीं तो देखें अपनी कुरान >

لَّا يَتَّخِذِ الْمُؤْمِنُونَ الْكَافِرِينَ أَوْلِيَاءَ مِن دُونِ الْمُؤْمِنِينَ ۖ وَمَن يَفْعَلْ ذَٰلِكَ فَلَيْسَ مِنَ اللَّهِ فِي شَيْءٍ إِلَّا أَن تَتَّقُوا مِنْهُمْ تُقَاةً ۗ وَيُحَذِّرُكُمُ اللَّهُ نَفْسَهُ ۗ وَإِلَى اللَّهِ الْمَصِيرُ [٣:٢٨]

मोमिनीन मोमिनीन को छोड़ के काफ़िरों को अपना सरपरस्त न बनाऐं और जो ऐसा करेगा तो उससे ख़ुदा से कुछ सरोकार नहीं मगर (इस क़िस्म की तदबीरों से) किसी तरह उन (के शर) से बचना चाहो तो (ख़ैर) और ख़ुदा तुमको अपने ही से डराता है और ख़ुदा ही की तरफ़ लौट कर जाना है |

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا لَا تَتَّخِذُوا الْكَافِرِينَ أَوْلِيَاءَ مِن دُونِ الْمُؤْمِنِينَ ۚ أَتُرِيدُونَ أَن تَجْعَلُوا لِلَّهِ عَلَيْكُمْ سُلْطَانًا مُّبِينًا [٤:١٤٤]

ऐ ईमान वालों मोमिनीन को छोड़कर काफ़िरों को (अपना) सरपरस्त न बनाओ क्या ये तुम चाहते हो कि ख़ुदा का सरीही इल्ज़ाम अपने सर क़ायम कर लो | यह दो प्रमाण दिया हूँ सूरा इमरान 28 और सूरा निसा 144 | जरूरत पड़ने पर और भी दूंगा अन्सारी जी |

 

हामिद अंसारी साहब अब आप यह बताएं जहाँ कुरान में अल्लाह ने मुसलमानों को काफिरों से दोस्ती तक रखने को मना किया, तो ऐसे देश के आप उपराष्ट्रपति कैसे बनगए ? क्या यह काम आप ने अल्लाह के हुकुम के खिलाफ नहीं किया ? फिर मुस्लमान होने का दावा करना आप का सत्य है अथवा दिखावा ?  भारत का कौसा मुस्लमान है जो अल्लाह के हुक्म के मुताबिक चलरहे हैं सब ने अल्लाह का हुक्म अदूली किया और कर रहे हैं |

हामिद अंसारी साहब आप को यह भी पता होना चाहिए की आप जिस आदम के औलाद है उसी आदम ने अल्लाह का हुक्म नहीं माना था, तो आप कैसे मान सकते जनाब ? यह तो आप लोगों की फितरत है नाफ़रमानी करना अल्लाह के आदेश का खिलाफ चलकर भी आप अल्लाह वाला बनना चाहते हैं | अर्थात जब आप अल्लाह का हुक्म या आदेश नहीं मानते हैं, तो भारत के साथ यह गद्दारी आप करें गे यह कोई नई बात नहीं है कारण यह तो आप मुसलमानों की फितरत है हुक्म अदूली करना | जब आप मुस्लमान कहलाने वाले अल्लाह के आदेश का उलंघन कर सकते हैं तो भारत के साथ धोखा करेंगे यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है और ना हम भारत वासी इसको बुरा मानते हैं | कारण हम भारत वासियों को मालूम है की मुसलमानों के पिता हज़रत आदम जिनका नाम था वह भी अल्लाह का अदेशका पालन नहीं किया था, तो उसी आदम के संतानों से हम भारत वासी और क्या उमीद कर सकते हैं भला ?

महेन्द्रपाल आर्य =11 /8 / 17 =

 

 

 

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